इसलिए सिर्फ सो जाना ज़रूरी नहीं

थोड़ा और आराम चाहिए

invest in rest


कई बार हम सिर्फ नींद पूरी ले लेने से भी हम तरोताज़ा महसूस नहीं कर पाते। तो क्या किया जाए ताजगी लाने के लिए? चलिए बताती हूं ~ 

तन का आराम 

ये तो हम-आप जानते ही हैं। सो के या झपकी लेकर किया गया आराम। इसमें कुछ करना नहीं पड़ता इसलिए ये कइयों का तो ये पसंदीदा काम भी है। दूसरा तरीका है योग या मसाज के ज़रिये। और ये खुद को ही करना पड़ता है। कोई दूसरा कर ले और हमे लाभ हो, ऐसा नहीं होता इसमें। 

मन का आराम 

क्यूंकि हर वक़्त काम है तो लाज़मी है कि रात को भी दिमाग खाली कैसे रहे? सो नींद आना मुश्किल ही है ना। शरीर को तो हम थाम देते हैं , लिटा देते हैं बिछौने पे पर मन की उछलकूद कैसे रोकोगे? एक तरीका है, छोटे - ब्रेक बनाओ। जैसे हर एक या दो घंटे बाद दस मिनट का ब्रेक। इस से मन की आदत बनेगी रुकने की, थमने की। आराम करने की। 

डिजिटल डेटॉक्स (Digital Detox )    

लैपटॉप, मोबाइल, टीवी आदि का उपयोग है तमाम तरह कामों को अच्छे से पूरा करने के लिए। पर इस से सूखने लगी हैं। हम चिड़चिड़े भी रहने लगे हैं, ये उन उपकरणों निकलने वाली सूक्ष्म तरंगों का कमाल है। आप जानते हैं की क्या करना है। 

कुछ नया किया जाए (Creativity) 

अपनी क्रिएटिविटी को पहचाने और उसके लिए समय निकालें। और कुछ नहीं तो गीली करके  लोटपोट ही हो लें। यकीन मानिये ये एक थेरेपी है। और हम सबने खूब ही किया है ये। अपने काम करने की जगह पे भी बदलाव ला सकते हैं, कोई छोटा सा गमला या मनीप्लान्ट लगा कर, या आसपास कोई मोहक पेंटिंग टांग कर।   

ज़ज़्बातों का आराम 

ये करीबियों के करीब जाने मिलेगा। उनसे मिलिए और कह डालिये सब कुछ। मन की हर वो बात जो साँसों को भारी बना देती है। जो अगर ऐसा कोई जीवन में ना हो तो घबराने की ज़रुरत बिलकुल नहीं है। दुनियां में इस तरह के कई सारे लोग हैं। इसका निवारण है खुद के पास जाना। जब कोई ऐसा न हो ज़िन्दगी में तो खुद के रहनुमा बन जाइये। 

ज़रा सी दूरी है ज़रूरी (Detachment)

जब उलझनें बढ़ जाती हैं, रिश्ते अनमने से हो जाते हैं, भाव में कड़वाहटें घुलने लगती हैं, इन सब से हमारी ऊर्जा बेवजह खत्म होने लगती है। अब क्या करें? थोड़ी दूरी बना लें। नहीं, ये हालातों से भागना कतई नहीं है। ये सिर्फ खुद को समय देना है कुछ भटकते सवालों के जवाब ढूंढने के लिए। जैसे ही मन के एकांत में आएंगे, धीरे-धीरे सब गांठें खुलती नज़र आने लगेंगीं। 

      








 

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