खुले दिल से कह दो तो साफ़ मन से सुन लेंगे

 आपबीती सुनाना दोतरफा मदद है। 

एक उनकी भी, एक खुद की भी। 

Powerful stories of women sharing their life struggle on ted


जब भी कोई अपनी कहानी साझा करता है तो कई बातें बताता है, जैसे जब दिक्कतें आयी तब कौनसा कदम उठाया, कैसे सामना करने के लिए खुद को मज़बूत बनाया, कहाँ चूक हुई, क्या बेहतर हो सकता था, वगैरह।

अपने दुखों  की पोटली खोलकर साफ़ दिल से उनके बारे में बताना बड़ी हिम्मत का काम है। विदेशों में तो इसके लिए ख़ास मंच बने हैं जहाँ लोग अपनी पीड़ा, दुखद घटना से उबरने की आपबीती सुनाते हैं। हर अनुभव के किसी ना किसी स्तर पर कोई ना कोई सुनने वाला जुड़ जाता है। घटनाओं को विस्तार से बताते हुए सुनाने वाला परत दर परत अपनी तकलीफों को बताता है। भावनाओं का ज्वर उमड़ता है, आंसू बहते हैं, संवेदना, सहानुभूति और समझ से सराबोर रहती है फ़िज़ा। 

सुनने और सुनाने वाले दोनों पक्ष सुकून जीते हैं। यहाँ कोई आक्षेप नहीं लगाता। यहाँ तो मन हल्के होते हैं - आज जिसकी दुनिया को सबसे ज़्यादा ज़रुरत है। क्या यह सकारात्मकता की तस्वीर नहीं? 

कोई जी हल्का करते हुए कहे और कोई साफ़ मन से सुने। 




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