जिंदगी हमारी परीक्षा लेती है ताकि हम बदलाव ला सकें

जिंदगी काई बार हमारी परीक्षा लेती है। कई बार वह शरीर की परीक्षा लेती है। यह कोई बिमारी हो सकती है या कोई चोट। फिर जिंदगी विचारों के स्तर पर आपकी परीक्षा लेती है। यह आपको मानसिक रूप से अस्थिर करेगी। आप किस एक दिशा में सोंच रहे होंगे की अचानक उसमे कोई व्यवधान आजाएगा, विचार को कोई बाधित कर देगा। इस से विचारों का सिलसिला टूट जाएगा, उसका पैटर्न बदल जाएगा। कभी कभी ऐसा होना आपके मूल्य तंत्र को भी चुनौती देगा। इस संसार में अयोग्य या बिना शर्त बदलाव जैसा कुछ नहीं है। 

जिंदगी के हर पहलू में आप सोंचेंगे की आप खुद में बदलाव लाये हैं और जिंदगी तुरंत आपके बदलाव की परीक्षा के लिए कोई अनुभव दे देती है। इस परीक्षा में कई लोग टूट जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसी पार भी करते हैं। इसे एक उदाहरण से समझते हैं, जब बीज धरती में बोया जाता है, तब धरती किसी भी बीज के प्रति दयावान नहीं रहती। वास्तव में धरती बीज की मदद नहीं कर सकती, बल्कि वह तो सके खिलाफ काम करती है। धरती बीज पर जो दबाव डालती है, उसी से उसमे अंकुर फूटते हैं। यानी बीज को धरती के विरूद्ध होना ही पड़ता है। अगर धरती बीज के प्रति नरमी बरते तो अंकुरण होगा ही नहीं। और कई बीज धरती का दबाव नहीं झेल पाते और मर जाते हैं। हम उनके बारे में कभी नहीं जान पाते। लेकिन कुछ बीज धरती का दबाव झेलते हैंऔर छोटी सी, नाजुक की हरी कोपल बाहर आती है। फिर यह अजीब बात होती है की जो धरती अब तक उस बीचज के खिलाफ काम क्र रही थी, वह बीज के लिए काम करने लगती है और उसको पेड़ बनने में मदद करती है। यानी जब तक आप साबित नहीं करते की आप क्या क्र सकते हैं, तो वह आपके पक्ष में काम करने लगती है और एक खूबसूरत संरचना तैयार हो जाती है। 

ऐसा ही जिंदगी के साथ भी होता है। वह आपको चुनौती देती है, परीक्षा लेती है ,वह चाहती है की आप बदलाव के योग्य बनें।  एक बार आप बदलाव साबित कर देते हैं, तो वह जिंदगी जो आपके खिलाफ काम कर रही थी, आपका साथ देने लगती है। इसलिए वह आपके मूल्यों की परीक्षा लेती है, आपकी भावनाओं को चुनौती देती है। जिंदगी कई बार भावनात्मक रूप से खलबली मचा देती है। और फिर वह एक गलती करती है। जिंदगी इंसान की आत्मा ,उसके उत्साह को चुनौती देती है।  और जब वह ऐसा करती यही तो इंसान का बड़प्पन, उसकी महानता , उन्स्की क्षमता आपके अंदर से उभरती है और बताती है की आप क्या क्र सकते हैं। पहली बार ज़िन्दगी किसी व्यक्ति के आगे झुकती है। 

जब आप इंसानों का उत्साह देखते हैं की वे ज़िन्दगी की चुनौतियों से लड़ते हैं और जिस तरह से उनसे उबरते हैं, वे महँ प्रेरणादायी कहनायें बन जाती हैं। इसके लिए आपको इतिहास की किताबें पढ़ें की ज़रुरत नहीं है। अपने आसपास देखिये, अपने परिवार में देखिये। हम जिन लोगों के साथ रहते हैं उन्ही के बीच इतनी प्रेरणा है की वे हमे जिंदगी में कुछ बड़ा हासिल करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। बस हमे इंसान के आत्मा की शक्ति, उसके उत्साह की शक्ति का इस्तेमाल करने की ज़रुरत है।     

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