आपके माता-पिता के साथ "खींचा-खाँची' वाले रिश्ते को आसान बनाएं


जिससे आपका आपके माता-पिता के साथ या कहें मुखयतः पिता जी के साथ जो "खींचा-खाँची' वाला रिश्ता बन गया है (ना चाहते हुए भी) , वह आसान बन जाए। 


क्यूंकि अब आप 25 -30 या उस से ज़्यादा के हो चुके हैं, अपने पिता जी को या जिनकी माँ पिताजी वाली प्रवृति की हैं तो अपनी माँ को भी अपना बच्चा समझें। हां, बिलकुल, अपना बच्चा। बेशक उन्होंने आपको बहुत कुछ सिखाया है। काम करने का सही तरीका बताया है, समझाया है। पर आज वे खुद कई गलतियां करते रहते हैं। उन से कई बार चूक हो जाती है। कुछ टूट जाता है, कुछ बेढंगा कर देते हैं, कुछ कड़वा बोल देते हैं। उन्हें माफ़ कर दें। उन्हें बार बार सही तरीका बता कर उन्हें झुंझुलायें नहीं, माफ़ कर दें। क्यूंकि आप भी नहीं चाहेंगे की वें चिड़चिड़े हों। तब तक पलट के कुछ न कहें जब तक कोई बात उन्हें किसी परेशानी या तकलीफ से बचाने के लिए ना हो। भले आप सही हों, उन्हें सही दिशा देना चाह रहें हों, फिर भी रुक जाएं। 


यह बात कभी न भूलें की आप बच्चे हैं उनकी नज़र में। इसलिए उन्हें आपको हर तरह की, हर बात पर सिखावन देने का पूरा हक़ है। यह हक़ आप उनसे कभी ना छीनें। यह बात उन्हें गहरा दुख देती है। जिस तरह बचपन में कोई काम करने से पहले आप उनसे एक बार पूछ लेते थे वैसे ही अब भी कोई विशेष फैसला लेने से पहले उनकी राय लें। उनसे 2 मिनट उस बारे में बात करें, फिर भले ही उनकी बात अगर मानने वाली न लगे, ना मानें। पर आपके किसी भी बड़े निर्णय में उनकी उपस्थिति ज़रूर हो क्यूंकि रोटी की भूख से ज़्यादा बड़ी इज्जत की भूख होती है। इस से उन्हें कभी महरूम न होने दें। अगर दूर हैं तो पर्व - त्योहारों और बै आयोजनों में बेनागा हफने करें। आशीर्वाद ही मिलता है। इस से खुद को भी महरूम ना रखें। यह बड़ी पूँजी है जो ऑफिस की सैलरी या बिज़नेस के मुनाफे के साथ नहीं मिलती। 


अपनी बात आराम से रखिये। वे मानें तो बहुत बढ़िया, ना मने तो भी ठीक (उस वक़्त चेहरे पर वही भाव रखिये) 


कई बार ऐसा भी होता है की यह सब सयम रखने के बाद भी, माता-पिता का व्यवहार कड़क और तीखा ही रहता है। इस स्थिति से निपटने का भी यही फार्मूला है। करना आपको वही सब कुछ है जो अभी आपसे साझा किया। पर इसके साथ धैर्य की मात्रा बढ़ा देनी है। और यही बेहद मुश्किल है। नहीं होता, जानती हूँ। पर करना है। अगर कुछ समय लगातार कर लिया तो यकीन मानिये नरमी आएगी और फिर जल्दी ही आपको आपके पेरेंट्स के रिश्ते का मौसम हल्का हो जाएगा, खिलखिलाहट लौट आएगी।            



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