माँ | Mother's Day

बस तेरा नाम ही मुकम्मल है 

Indian Mother looking at her child


माँ के लिए क्या लिखूं मैं, ये शब्द आँख जैसा है, छोटा पर इसमें पूरा ब्रह्माण्ड नज़र आता है!

माँ बनना एक चाहत भी है। कुछ समय से जब में किसी नन्हे से बच्चे को खेलते, मुस्कुराते, लड़खड़ाते फिर संभलते हुए देखती हूं तब ये माँ बनने की इच्छा प्रबल होने लगती है। यह बात जब मैं अपनी माँ से कहती हूं तो वह कहती है पहले जल्दी से अपने लिए दुल्हा ढूंढ फिर ये इच्छा पूरी हो जाएगी। काश अपने लिए एक वर ढूंढना सहज हो जाने वाला कार्य होता। आलम यह है की मुझे अब एक पत्नी बनने से ज़्यादा माँ बनने का मन है। 

जब एक स्त्री माँ होती है, तो शायद वह सबसे ज़्यादा इसी रिश्ते को जीना चाहती है। निभाती तो वह पूरे घर का साथ है पर शायद उस शिद्दत से नहीं। उसके रूह की आँखें हमेशा अपनी संतान के आसपास ही रहती हैं। यह भाव माँ बनने से पहले कोई समझ ही नहीं सकता की कैसे। 

माँ को पुकारने के सम्बोधन, माँ, मैया, अम्मा, आयी, मम्मी, माई आदि छोटे-छोटे से हैं पर वात्सल्य, संवेदना, करुणा, लाड़, मान, समर्पण का इनसे बड़ा उच्चारण कोई और हो ही नहीं सकता। घर लौटें और माँ दिख जाए तो एक अनकहा इत्मीनान का श्वास भीतर जाता है और उसके ठीक उलट, अगर माँ ना दिखे तो एक बेचैनी और चिड़चिड़ापन सा भाव तुरंत हमारे चेहरे पर आ जाता है, हम घर में सबसे पूछने लगते है माँ कहां है? कब गई थी? कब आएगी? फिर जब तक हमारी मैया आ ना जाए, घर के बाकि लोगों से हम चिड़चिड़ा कर बात कर रहे होते हैं। माँ से जुड़े अहसास तो हम सबका समान ही है पर किस्से कई सारे। 

लम्बे आरसे बाद जब छुट्टी लेकर घर आते हैं, तो माँ की गोद में जो नींद आती है वापस लौटते वक़्त मन करता है की काश उस सुकून को भी अपने बैग्स में बांध कर उस व्यस्त शहर में ले जा सकते अपने साथ! माँ के सामने खाने के नखरे करने का एक अपना ही मज़ा है। वह बचपन वाली माँ की मनुहार, काम के लिए बड़े शहरों का रुख कर चुके लोगों को हमेशा सालता है। 

इन सबके बावजूद, क्या हम उतनी कद्र करते हैं अपनी माँ की जितने की वे हकदार हैं? ज़रा पूछिएगा खुद से। कद्र के रूप में वह आपसे आपका थोड़ा सा समय ही चाहती है। और हमारे पास बस एक वही तो कम है। अब जो चीज़ पहले ही कम है उसमे से क्या ही दें माँ को। और ये बात माँ को भी पता है इसलिए हमे तकलीफ ना हो वह हमसे कुछ भी (समय) नहीं मांगती। 

खुशनसीब हैं वे जिन्होंने माँ की कद्र को समझा, उसे वह मान दिया, क्यूंकि ऐसा सब नहीं कर पाते। जानकार या अनजाने में ही कितनो का दिल दुखा जाते हैं हम पर जो बात कलेजे को कचोट देती है वह है माँ को दी गई तकलीफ। जो ना होने पर भी संतान के लिए फिक्रमंद है, जिसके दुनिया से चले जाने पर भी अपने बच्चों के लिए दुआ है उसकी ख़ुशी की कामना तो हम कर ही सकते हैं। 

Indian Woman happy smiling in flowers nature


मेरी माँ किसी भी तूफ़ान की प्रचंडता पर अपना सौम्य नियंत्रण बना लेती है। कभी भी आवाज़ लगाने पर माँ मुझे फूलकुमारी बुलाती है, तब उसके चेहरे का भाव जैसे इद्रधनुष से टपकते हुए रंगों का मेला! मेरी माँ कभी रूठती ही नहीं। सालों से वह सिर्फ मनाती ही आयी है सबको हर बार, बार-बार। 

दुसरे सब कहते है अपनी माओं से, की "तुम नहीं समझोगी", पर मुझे तो याद ही नहीं की मैंने ऐसा कभी तेरे लिए कहा हो। तुझे पहले से सब कैसे आता है? तू सब कैसे जानती है माँ? 

हे अन्नपूर्णा! तूने दादी जी की रसोई से सबको पर्व-त्यौहार के अलावा भी हमेशा पकवान खिलाए।  मैं सोंचती थी, कैसे पार पड़ेगा, इतने सारे लोग हैं, पर तू सबका कर देती थी और बच भी जाता था। माँ बरखत है तेरे हाथों में। 

मेरे बाल बनाना -संवारना तुझे इतना पसंद है की जो मैंने अपने बाल खुद झाड़ लिए तो तू नाराज़ हो जाती है। पिता जी के सामने धीमे से मेरी वकील बन जाती है। हर नाते- रिश्तेदार तेरे पास आकर अपनी हर बात कह देना चाहते हैं, तू मेरी ही नहीं, सबकी सहेली है। 

तीस साल हो गए और तूने अपने लिए कोई साडी नहीं खरीदी। ऐसी लाड़ली है तू सबकी की तुझे ना जाने किस-किस ने सुंदर-सुंदर साड़ियां गिफ्ट की हैं।  

जीने के लिए हर ज़रूरी बात और ज़ज़्बात से परिचय तो तूने जिंदगी के पहले पड़ाव से ही करवाना शुरू कर दिया था। तू तो मुझ पर बचपन से ही नाज़ करती आयी है। अब पिता जी भी मेरे सलीके और अदब पर गर्व करें, इसकी पूरी कोशिश करूंगी माँ।  

ये तेरी ही दिव्यता की तरंगे हैं की घर में जो कोई आता है उसे हमारे घर शांति महसूस होती है। तूने घर के कोने-कोने में  सरलता, सौम्यता, सहजता, भरोसा, अपार स्नेह को बसाकर हमारी सांसें आबाद रखी हैं। यूं लगता है की उम्र तेरे सामने चाँद की थाली लेकर खड़ा है, तेरा नूर बढ़ता ही जा रहा है। 

यूं तो सब कहते हैं की मैं अपने पिता जी की कार्बन कॉपी हूं। मैं सुन्ना चाहती हूं की मैं मेरी माँ जैसी दिखती हूं। इस तारीफ का इंतजार है। मुझे तब लगेगा की मैं खूबसूरत हूं। 

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